राज्य के Top-10 बकाएदारों पर शिकंजा कसेगी धामी सरकार, यहां पढ़े –

Uttarakhand

देहरादून – प्रदेश की धामी सरकार राज्य के बकाएदारों पर शिकंजा कसने जा रही है। राजस्व परिषद अध्यक्ष आनंद बर्द्धन ने इस संबंध में निर्देश दिए हैं । जिसके तहत राज्य के दस बड़े बकायेदारों से वसूली की जाएगी ।

राजस्व परिषद अध्यक्ष आनंद बर्द्धन ने इस संबंध में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारी/उपजिलाधिकारियो को अपने स्तर से प्रभावी कार्रवाई करने के निर्देश दिए है । सभी जिलाधिकारियों को स्पष्ट रूप से निर्देशित किया गया है कि मुख्य देयों और विविध देयों की निर्धारित समय सीमा के भीतर शत प्रतिशत वसूली की जाए। वहीं जिन जनपदों में वसूली मानक के अनुरूप नहीं हो पाई है वहां विशेष अभियान चलाकर वसूली कराई जाए।

ये भी पढ़ें:   नगर निकाय चुनाव की तिथि को लेकर Suspense खत्म, राज्य निर्वाचन आयुक्त ने चुनाव की तारीखों का किया ऐलान –

गौरतलब है कि समीक्षा के दौरान अधीनस्थ राजस्व न्यायालयों में लंबित राजस्व वादों के त्वरित निस्तारण के लिए निर्देश दिए गए। कहा गया कि जिन राजस्व न्यायालयों में तीन से पांच वर्ष से अधिक समय से जो वाद लंबित हैं, उन्हें जल्द से जल्द निस्तारित करें। साथ ही विरासती एवं भू राजस्व अधिनियम के तहत धारा 34 के अविवादित मामलों को अभियान चलाकर निस्तारित करना सुनिश्चित करें।

बैठक में जिलाधिकारियों को यह भी निर्देश दिए गए कि जनपदों एवं तहसीलों में स्थित राजस्व अभिलेखागारों में निरीक्षण कर यह सुनिश्चित करें कि अभिलेख समय सीमा के भीतर अपडेट हो रहे हैं या नहीं, साथ ही भू अभिलेखों को सुरक्षित रूप से संरक्षित किया गया है या नहीं। इसके अलावा गांवों में चल रही चकबंदी एवं सर्वेक्षण प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिए भी कहा गया।

ये भी पढ़ें:   प्रयागराज महाकुंभ में उत्तराखंड का होगा अपना पवेलियन,सीएम धामी के निर्देश पर राज्य के मेलार्थियों को मिलेगी परिवहन सुविधा

इसके अलावा सेवानिवृत्त कार्मिकों के लंबित पेंशन प्रकरण, कार्मिकों की भर्ती हेतु अधियाचन प्रेषण, सेवा का अधिकार के अंतर्गत अधिसूचित सेवाओं को निश्चित समय सीमा के भीतर कराए जाने, ऑडिट आपत्तियों का निस्तारण एवं मुख्यमंत्री की घोषणाओं के क्रियान्वयन की कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए जिलाधिकारियों से कहा गया।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *