देहरादून में आम जनता और गैर सरकारी संगठनों ने आयोजित किया walkathon , यहां पढ़े –

Uttarakhand

देहरादून – हर साल विश्व भर में 26 अगस्त का दिन International Dog Day के तौर पर मनाया जाता । इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य पशु-संरक्षण के महत्व को जागृत करना है । ऐसे में इंटरनेशनल डॉग डे से एक दिन पहले आज राजधानी देहरादून के गांधी पार्क से स्थानीय पशु कल्याण गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) जैसे ह्यूमेन सोसाइटी इंटरनेशनल/इंडिया , स्वयंसेवकों, और विभिन्न अन्य समुदाय के सदस्यों सहित 50 से अधिक प्रतिभागियों ने मिलकर जागरूकता walkathon का आयोजन किया ।

बता दें कि इस walkathon का मुख्य उद्देश्य मनुष्य और सड़क के कुत्तों के बीच शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व को बढ़ावा देना था । दरअसल आज भी जागरूकता के अभाव में कई लोग सड़क में रह रहे हैं बेजुबानों के साथ क्रूरता की सारी हदें पार कर देते हैं । ऐसे मामलो से जुड़े कई वीडियो हम सोशल मीडिया पर देखते हैं । अपनी गली में रह रहे बेजुबानों के साथ इस तरह का व्यवहार पूरी तरह से निंदनीय और गैर कानूनी है और ये क्रूरता बंद होनी चाहिए। लेकिन यह तभी संभव है जब हम मनुष्य अपने आसपास रह रहे बेजुबानों के व्यवहार को समझने लगे ।

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Walkathon में मौजूद पशु चिकित्सक और ह्यूमेन सोसाइटी इंटरनेशनल/इंडिया में कंपैनियन एनिमल्स एंड एंगेजमेंट के निदेशक डॉ. पियूष पटेल ने कहा कि आज का वॉक-ए-थॉन इस पहल के प्रति सामुदायिक समर्थन का शक्तिशाली प्रदर्शन है और जन जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। देहरादून नगर निगम, स्वयंसेवकों और समुदाय के सदस्यों के नेतृत्व में सामूहिक कार्रवाई और जागरूकता बढ़ाने के लिए किए गए प्रयासों ने मनुष्यों और सड़क के कुत्तों दोनों के लिए सुरक्षित समाज बनाने की दिशा में सार्थक बदलाव लाने में मदद की है। जन भागीदारी को बढ़ाना ही मानव- श्वान संघर्ष के मुद्दे को हल करने की कुंजी है और हमें इस पहल की मेजबानी करके खुशी हो रही है।

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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि साल 2016 से ह्यूमेन सोसाइटी इंटरनेशनल/इंडिया और देहरादून नगर निगम ने मिलकर अनुमानित रूप से 46,000 सड़क के कुत्तों का बंध्याकरण, नसबंदी करने और रेबीज के टीके लगाने के कार्य किए हैं, इस प्रकार शहर में कुत्तों की 84% नसबंदी दर हासिल की गई है।

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